तुम्हारे बिना तुम्हारे इन्तेज़ार में
सौ दर्द जमा किए हैं
टूटे हुए दिल-ए-बेज़ार में
उन अनगिनत बातों के लिए
जो तुमने मुझसे कही ही नहीं
उन प्यार भरे लम्हों के लिए
जो हमने साथ जी ही नहीं
कल जो वादा किया है तुमने
पल भर साथ निभाने का
उस वादे के दायरे में,
कल आऊंगा कहकर भी
ना आने के लिए,
जाओ आज से ही
मैंने तुम्हें माफ़ किया.....
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